दुनिया के टाप 50 मुस्लिम रहनुमाओं में भारत से इकलौते मौलाना महमूद मदनी के शामिल होने पर मुबारकबाद का सिलसिला जारी
कानपुर(PNS):
दि रायल इस्लामिक स्ट्रैटिजिक स्टडीज़ सेन्टर ओमान अर्दन के द्वारा दुनिया के 500 मुस्लिम सामाजिक, राजनैतिक, इल्मी व फिक्री लोगों के पचास टाप के मुस्लिम रहनुमाओं में भारत के इकलौते मुस्लिम रहनुमा मौलाना सैयद महमूद मदनी को शामिल किये जाने पर मुबारकबाद का सिलसिला जारी है। पांच सौ लोगों में भारत से भी कई लोग शामिल हैं लेकिन टाप पचास में भारत के मौलाना महमूद मदनी पहले जबकि वैश्विक रैंकिंग में उनका अट्ठाइसवां नम्बर है। जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मशहूर आलिमे दीन मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी क़ाज़ी ए शहर कानपुर ने मौलाना महमूद मदनी को मुबारकबाद देते हुए फरमाया कि इस मर्तबा व मुक़ाम से ना सिर्फ देश का नाम दुनिया में रौशन हुआ बल्कि जमीअत उलमा से जुड़े समस्त सदस्यों को संस्था से वाबस्तगी पर फख्र है। मौलाना उसामा ने कहा कि शेखुल हिन्द हज़रत मौलाना महमूद हसन देवबन्दी, शेखुल इस्लाम हज़रत मौलाना सैयद हुसैन मदनी रह0, फिदाये मिल्लत हज़रत मौलाना सैयद असअद मदनी रह0 की फिक्र के सच्चे वारिस और अमीन इस वक़्त मौलाना महमूद मदनी हैं। जो मिल्लते इस्लामिया को उनके वक़ार के तहफ्फुज़ और मुल्क में एकता व भाईचारा को बढ़ावा देने, नफरत व साम्प्रदायिकता के खात्मे और अकाबिर व अस्लाफ की फिक्र की पासदारी और जज़्बा ए खिदमते खल्क़ में जिस तरह दिन-रात लगे हैं, वह पूरे मुल्क विशेषकर हम खुद्दामे जमीअत उलेमा के लिये लायक़े तहसीन ही नहीं लायक़े तक़लीद फिक्र व अमल है। पूरी दुनिया से टाप 50 जैयद उलमा, धर्मगुरू, देशों के नेताओं में भारत से इकलौते मुस्लिम रहनुमा के तौर पर क़ायदे जमीअत फिक्रे अस्लाफ विशेषकर अकाबिरे सलासा के फिक्र व तरीक़ा ए अमल के अमीन व पासबान मौलाना सैयद महमूद असअद मदनी के चुनाव पर दिल की गहराइयों से मुबारकबाद पेश करते हुए दुआ करते हैं कि अल्लाह पाक आपकी हर तरह से हिफाज़त फरमाये और हम सब खुद्दाम जमीअत को तंज़ीम की फिक्र को और ज़्यादा समझते हुए इस पर जीवनभर अमल करने की तौफीक़ अता फरमाये।
मालूम हो कि दि रायल इस्लामिक स्ट्रैटिजिक स्टडीज़ ओमान अर्दन की जानिब से प्रकाशित इस रिसर्च जनरल में जिंदगी के 13 क्षेत्रांे शैक्षिक, धार्मिक, मुबल्लिग़ीन, रूहानी, इंसान दोस्ती, चैरिटी, सामाजिक समस्या, कारोबार, साइंस और तकनीक, कला व संस्कृति, कुरआन मजीद, मीडिया, मश्हूर शख्सियतों में उनके प्रभाव को मद्देनज़र रखते हुये उन्हें इस फेहरिस्त में शामिल किया गया है। संस्था के ज़िम्मेदारों का मानना है कि टाप 50 की फेहरिस्त में अधिकांशतः धार्मिक स्कालर और देशों के नेता हैं और समाज में उनके गहरे असर से भी इंकार नहीं किया जा सकता।