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अपनी सेहत का ख्याल रखना इस्लामी शरीअत का आदेश: अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी

मोहम्मद हातिम 

कानपुर:- जामा मस्जिद अशरफाबाद के इमाम व खतीब मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी महासचिव जमीअत उलमा कानपुर ने लम्बे समय से लगे लाकडाउन के बाद मस्जिद खुलने पर जामा मस्जिद अशरफाबाद जाजमऊ में नमाज़ अदा कराते हुए पूरी दुनिया से इस संक्रामक रोग के खात्मे की दुआ की। इस अवसर पर मौलाना अब्दुल्लाह क़ासमी ने शहर के उलमा , इमामों और नमाज़ियों से अपील की कि जो शर्तें और गाइडलाइन प्रशासन की जानिब से लाज़िमी क़रार दी गईं हैं, सभी की जिम्मेदारी है कि उस पर अमल सुनिश्चित करें और इस काम में किसी भी तरह की लापरवाई ना बरतें। मस्जिदें अल्लाह का घर हैं, इसलिये मस्जिदों में सफाई-सुथराई का विशेष ख्याल रखते हुए मास्क, सैनिटाइज़र आदि की भी व्यवस्था करें। नमाज़ के दौरान लाइनों में डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिये ऐलान कर दें। मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने कहा कि सभी लोग इस बात को खास तौर से मद्देनज़र रखें कि हमें अपनी सेहत का ख्याल खुद रखना है, इसके लिये विशेषज्ञों द्वारा जिन सावधानियों को अपनाने के लिये कहा जा रहा है , उस पर अमल करें। इस विशेष अवसर पर यही शरीअत का आदेश है। उन्होंने बताया कि इस्लामी शरीअत का हर अवसर के लिये अलग आदेश है, सभी मुसलमान उन उलमा व मुफ्ती हज़रात की बात मानने का मिजाज़ बनायें जो शरीअत का सही ज्ञान रखते हैं।
इस अवसर पर मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने लोगों से अपने-अपने इलाके़, मुहल्लेम में ग़रीबों, बेवाओं, यतीमों और ज़रूरतमंदों की मदद और उनका खास ख्याल रखने की अपील करते हुए कहा कि उनके लिये नेकियां कमा कर दुनिया व आखिरत बनाने का बेहतरीन अवसर है।

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