Educationअहम ख़बरेंउत्तर प्रदेश

इंटीग्रल यूनीवर्सिटी का 13वॉ दीक्षांत समारोह सम्पन्न , शाम-ए-इंटीग्रलअखिल भारतीय मुशाएरे का भी किया गयाआयोजन

लखनऊ (PNSnews):

इंटीग्रल यूनीवर्सिटी का 13वॉ दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के परिसर के कॅन्वोकेशन लॉन में आयोजित किया गया । जिसमें छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकों ने पारम्परिक परिधान में भाग लिया । दीक्षांत समारोह की शुरूआत बेहद मधुर इंटीग्रल तराना से हुई । तराना गायन ने उपस्थित विभूतियों का मन मोह लिया। विश्वविद्याल के कुलपति प्रो. जावेद मसर्रत ने विश्वविद्यालय के अकादमिक एवं सामाजिक विशिष्ठताओं के इतिहास का हवाला देते हुए शैक्षणिक सत्र के परिणामों की घोषणा की । उन्होंने कहा कि इंटीग्रल यूनीवर्सिटी ने पिछले कुछ वर्षो में अभूतपूर्व विकास प्राप्त किया है ।


भारत में नाइजेरिया गणराज्य के उच्चायुक्त महामहिम अहमद सुले ने दीक्षांत भाषण दिया । पदमभूषण डा. राजेन्द्र सिंह परोदा ने दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में गरिमा प्रदान की । महामहिम अहमद सुले ने छात्रों को यह कहकर प्रेरित किया कि उन्हें हार नहीं माननी चाहिए और अधिकाधिक सफलता प्राप्त करने के लिए खुद को प्रयासरत रखना चाहिए । पदमभूषण  आर.एस. परोदा ने इंटीग्रल यूनीवर्सिटी का नामकरण करने के लिए बधायी दी । क्येांकि यह नाम भारत में समाज को एकीकृत करने का द्योतक है ।
दीक्षांत समारोह किसी भी विश्वविद्यालय का वह महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं जिसमेें विश्वविद्यालय अपने स्नातकों, परास्नातकों, शोधार्थियों को उपाधियां प्रदान करता है ।
दीक्षांत समारोह में फाउण्डेशन फॉर एडवांिसंग साइस एण्ड टेक्नालॉजी के सी.ई.ओ.  जयन्त कृष्णा एवं अवध के प्रख्यात अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इतिहासकार को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (ऑनोरिस कॉसा) डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया ।
मधुरिमा गुप्ता एम.टेक. (इलेक्ट्रानिक्स सर्किट एण्ड सिस्टम) एवं फरीहा फातिमा बी.टेक. (कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग) विश्वविद्यालय के शीर्ष स्कोरर रहे । दीक्षांत समारोह में कुल 3095 डिग्रियां प्रदान की गयीं जिसमें 33 पी.एच.डी., 628 पी.जी., 2218 यू.जी. उपाधियां सम्मिलित हैं । इनमें 42 एम.बी.बी.एस. छात्र एवं 216 डिप्लोमा धारक थे । दीक्षांत समारोह में समस्त पाठ्यक्रमों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 73 छात्रों को स्वर्ण पदक तथा 72 रजत पदक प्रदान किए गए ।

दीक्षांत समारोह का समापन इंटीग्रल विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं कुलाधिपति प्रो. वसीम अख़्तर ने किया । उन्होंन सफल छात्र-छात्राओं को आर्शीवाद दिया । प्रो-चांसलर सैयद नदीम अख़्तर ने भी समारोह को सम्बोधित किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव हारिस सिद्दीकी ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।


दीक्षांत समारोह सम्पन्न होने के बाद सायंकाल शाम-ए-इंटीग्रल नामक कार्यक्रम में एक अखिल भारतीय मुशाएरे का आयोजन किया गया । जिसमें शाएरों ने अपने बेहतरीन कलाम से उपस्थित श्र्रोताओं का मन मोह लिया । प्रमुख शायरों में सबा बलरामपुरी, अब्बास रज़ा नैयर, तारिक़ क़मर एवं हिलाल बदायुनी जैसे बड़े शाएर उपस्थित रहे । मुशाएरे का संचालन करते हुए मशहूर शायर हिलाल बदायूनी ने इस शेर से मुशाएरे का आग़ाज़ किया कि- हअ
दहलीज़ पे रख दी हैं किसी शख़्स ने आंखें ।
रौशन इतना तो, दिया हो नहीं सकता ।।
हिन्दुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब और उसमें उर्दू के योगदान का ज़िक्र करते हुए उन्होंने अगला शेर पढ़ा ।
वो करे बात तो हर लफ़ज से खुशबू आये ।
ऐसी बोली वही बोले, जिसे उर्दू आये ।।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close